गणादिं पूर्वमुच्चार्यं वर्णादिं तद्नंतरम्. | अनुस्वरः परतरः | अर्धेंदुलसितं | तारेण ऋद्धम् | एतत्व मनुस्वरूपम् |गकारः पूर्वरूपम् | अकारो मध्यमरूपम् | अनुस्वारश्र्चांत्यरूपम् | बिंदुरूत्तररूपम् | नादः संधान अ | संहिता संधिः | सैषा गणेशविद्धा | गणक ऋषिः | निचृद्गायत्री छंदः | गणपतिरदेवता | ॐ गँ गणपतये नमः ||7|| एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि | तन्नो दंति प्रचोदयात् ||8
Aug, 2020
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